Tuesday, July 2, 2013

Senior citizens seeking euthanasia permission unable to bear daughter-in-law mental torture. DIL has an eye on their house. DV case file by DIL !! बहू से तंग आकर इच्छा मृत्यु मांग रहे हैं सीनियर सिटिजन



Senior citizens seeking permission for euthnesia unable to bear the mental torture of daughter in law



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brief notes in English with news in Hindi
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Devi Dayal Sharma (66), his wife Sakuntala Sharma (60) live in Yamuna Vihar C-12. Sharman retired from The Food Corporation of India (FCI) where he held the post of manager. During his service, he had built the house in Yamuna Vihar. He said that his eldest son Sandeep was married to the girl 2 December 2003 . After two years of marriage in January 2005 she was returned to his parents' house.

the son's wife is living with her parents nearly seven years. The daughter in law has constantly harassed him and his family.

Senior citizens said that their daughter in law has filed a case of domestic violence against them.

The daughter in law wishes to take away the house

So, he and his wife are seeking permission for euthanasia.



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NEWS IN HINDI
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बहू से तंग आकर इच्छा मृत्यु मांग रहे हैं सीनियर सिटिजन

राजेश सरोहा, नवभारत टाइम्स | Jul 2, 2013, 12.40AM IST
भजनपुरा।। ईस्ट दिल्ली के यमुना विहार इलाके में रहने वाले एक सीनियर सिटिजन ने अपनी पत्नी सहित इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है। उन्होंने इस संबंध में लोकल पुलिस से लेकर सीनियर पुलिस अधिकारियों के साथ - साथ राष्ट्रपति को भी लेटर लिखा है। सात साल से उनसे अलग अपने मायके में रह रही उनके बड़े बेटे की पत्नी ने उन्हें घरेलू हिंसा के तहत आरोपी बनाया है। उनका आरोप है कि बहू और उसके परिवार वालों की नजर उनके मकान पर है। लोकल पुलिस बुजुर्ग दंपती से मिलकर उनकी काउंसलिंग कर रही है।

देवी दयाल शर्मा (66) अपनी पत्नी शकुंतला शर्मा (60) के साथ यमुना विहार सी -12 में रहते हैं। वह फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ( एफसीआई ) से मैनेजर के पद से रिटायर्ड हैं। अपनी सर्विस के दौरान ही उन्होंने यमुना विहार स्थित मकान को बनवाया था। उन्होंने बताया कि उनके बड़े बेटे संदीप की 2 दिसंबर 2003 को यमुना विहार में रहने वाली लड़की से शादी हुई थी। शादी के दो साल बाद जनवरी 2005 में वह वापस अपने मायके लौट गई थी।

समझाने - बुझाने पर बहू नवंबर 2005 में उनके बेटे के पास लौट आई थी। उनका बेटा एयरफोर्स में है और तब उसकी पोस्टिंग पश्चिम बंगाल में थी। इस दौरान उनको एक बेटा हुआ। बेटे के जन्म के दो साल बाद दोनों के बीच किसी बात को लेकर अनबन हो गई और वह अपने मायके लौट गई थी। इस समय उनके बेटे की पोस्टिंग नासिक में है।

उनकी बहू करीब 7 साल से अपने मायके में रह रही है। इस दौरान बहू और उसके परिवार वालों ने उन्हें लगातार परेशान किया। दरअसल , वे चाहते हैं कि यह मकान बहू के नाम कर दिया जाए तो वह वापस लौट आएगी। लेकिन यदि वह मकान बहू के नाम कर देते हैं तो फिर वह अपनी पत्नी के साथ कहां जाएंगे।

सीनियर सिटिजन ने बताया कि अब उनकी बहू ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दायर कर दिया है। उसने उनके दोनों बेटों के अलावा उन्हें भी आरोपी बनाया है। उन्होंने बताया कि कोर्ट में पेशी के दौरान भी उनकी बहू और उसके परिवार वालों ने उनके ऊपर दबाव डाला कि यदि वह मकान का फर्स्ट फ्लोर उसके नाम कर देते हैं तो वह यह केस वापस ले लेगी।

बुजुर्ग का कहना है कि वह अपने बड़े बेटे को साल 2005 में ही अपनी चल - अचल संपत्ति से बेदखल कर चुके है। उनका कहना है कि जब उनकी बहू पिछले सात साल से पति के साथ - साथ उनसे भी अलग अपने मायके में रह रही है तो उसके ऊपर घरेलू हिंसा कैसे हो गई। उम्र के इस पड़ाव में जब उन्हें धार्मिक क्रियाकलाप में बिताना चाहिए था , उन्हें कोर्ट और थानों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

वह कहते हैं कि अब हिम्मत जवाब दे चुकी है। लिहाजा , वह अपनी पत्नी के साथ इच्छा मृत्यु की इजाजत मांग रहे हैं। बुजुर्ग ने इस संबंध में भजनपुरा थाने में भी कंप्लेंट दी थी। इस पर भजनपुरा थाने के एसएचओ राजेश डोगरा उनके घर गए और उन्होंने पति - पत्नी दोनों को समझाने की कोशिश की।



http://navbharattimes.indiatimes.com/delhi/other-news-delhi/fed-up-with-the-senior-citizens-are-seeking-euthanasia-law/articleshow/20866082.cms

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